रोम जल रहा था , नीरो बंसी बजा रहा था। जनपद महराजगंज उ0प्र0 के
ग्रा0रो0से0 ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या की , एक माह के अन्दर उ0प्र0 मे ग्रा0रो0से0 के
आत्महत्या की यह दूसरी घटना है। आर्थिक तंगी से परेशान ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा एक के बाद एक की जा रही आत्महत्या उ0 प्र0 सरकार के इसी चरित्र को उजागर कर रही हैं।
समाजवादी सरकार के
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Sunday, May 8, 2016
Monday, April 25, 2016
‘‘पंचायती राज विभाग की भर्तियॉ स्थगित’’ रोजगार सेवको के लिए राहत की खबर।
लखनऊ.25-04-16
उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायती राज विभाग में हो रही भर्तियों रोजगार सेवक 36,000, पंचायत सहायक 8,135 और न्याय पंचायत स्तर पर 8,135 चौकीदार क्षेत्र पंचायतों में : जेई सिविल 1,642, एकाउटेंट 821 और 82 कम्प्यूटर ऑपरेट में धांधली की शिकायत के बाद रोजगार सेवकों के 36 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी है। प्रमुख सचिव पंचायती राज के अनुसार 19,554 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी थी पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इस बाबत अगला फैसला मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी तीन मई को लेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायती राज विभाग में हो रही भर्तियों रोजगार सेवक 36,000, पंचायत सहायक 8,135 और न्याय पंचायत स्तर पर 8,135 चौकीदार क्षेत्र पंचायतों में : जेई सिविल 1,642, एकाउटेंट 821 और 82 कम्प्यूटर ऑपरेट में धांधली की शिकायत के बाद रोजगार सेवकों के 36 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी है। प्रमुख सचिव पंचायती राज के अनुसार 19,554 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी थी पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इस बाबत अगला फैसला मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी तीन मई को लेगी।
केन्द्र सरकार 14 वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत पंचायतो
को भारी रकम का आबंटन कर रही है। इसके तहत पहली बार क्षेत्र पंचातय व न्याय
पंचायत स्तर पर कई पदों का प्रावधान किया गया है। पदों के स़जन से लेकर भर्ती की
कार्यवाही तक पूरी जिम्मदारी पंचायती राज विभाग को निभानी है। सरकार के स्पष्ट
आदेश के बाद भी न तो इस भर्ती प्रक्रिया के समबन्ध में कोई शासनादेश किसी आधिकारिक
सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है, न ही इन भर्तियो के
लिए चयनित सेवा प्रदाता एजेन्सियों के चयन के सम्बन्ध में ही कोई सूचना किसी सरकारी
वेबसाइट पर उपलब्ध है , और नही इन एजेन्सियो
द्वारा की इन पदो पर चयन की कोई विज्ञप्ति निकाली गयी है। इन पदों पर भर्ती के लिए आठ सेवादाता एजेंसियों का चयन गुपचुप
तरीके से किया गया था। इसकी शिकायतें आ रही थीं कि कई सेवा प्रदाता एजेंसियों ने
नौकरी देने से पहले ही आवेदकों से छह से सात महीने के मानदेय की रकम एडवांस मांग
ली है। इन भर्तियों के लिए सेवा प्रदाता एजेंसियों के चयन में भी गड़बड़ी करने की
शिकायतें थीं।
ज्ञात हो कि कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में रोजगार
सेवको के नियमितिकरण के लिए एक कमेटी बनी थी, जिसने इन भर्तियों पर
कई सवाल उठाए थे। ग्राम्य विकास विभाग ने मुख्य सचिव
आलोक रंजन से गुहार लगाई थी कि उनके यहां तैनात रोजगार सेवकों को वेतन नहीं मिल पा
रहा है और ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार 36 हजार
और रोजगार सेवकों की भर्ती करने जा रही है। पहले काम कर रहे रोजगार सेवकों का
समायोजन इन नई भर्तियों में होना चाहिए। हर ग्राम पंचायत में एक रोजगार सेवक तैनात
होता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में रोजगार सेवको की नियुक्ति पंचातय मित्र पदनाम पर की गयी थी उस समय सूबे
में श्री मुलायम सिंह की सरकार थी. परन्तु बसपा सरकार ने पदनाम बदलते हुए ग्राम
रोजगार सेवक किया और पंचायतीराज विभाग से हटाकर ग्राम्य विकास विभाग को सौप दिया
था ।
इस खबर से यह तो स्पष्ट है कि देर से ही सही लेकिन ग्राम रोजगार
सेवकेा के आंदोलन की ऑच सरकार के नितिगत फैसलो पर पडने लगी है . यह रोजगार सेवको
के लिए राहत की खबर है। Wednesday, April 6, 2016
राजनिति की बिसात के मोहरे बने संविदाकर्मी ।
अभी पिछले दिनो उ0प्र0 की राजधानी
लखनउ मे हुए संविदा कर्मियो के कार्यक्रम में भाजपा के शीर्स नेताओ में से एक ,
भारत सरकार के ग़ह मंत्री श्री राजनाथ सिह जी ने भाग लिया और संविदाकर्मीयों
के मॉगो को जायज बताया । ऐसा पहली बार नही हुआ है जो श्री सिह ने किया इस तरह के वादे संविदा
कर्मीयों से चुनाओ से पहले सभी राजनितिक पाटिर्यो द्वारा किये जाते हैं और
राजनितिक लाभ लेने के बाद चुनाओ के बाद भुला दिया जाते है। आज देश के कई राज्यो मे
भाजपा की सरकार है यदि श्री राजनाथ अथवा भाजपा संविदा कर्मियो की इतनी ही हितचिन्तक
है तो पहले वहॉ कुछ क्यो नही करती है। यू0 पी0 में ही पिछले विधान सभा चुनाव से
पहले सपा ने राजनैतिक मंच से मनरेगा कमिर्यो की मॉगो को पूरा करने का वादा किया था
, सपा सरकार का कार्यकाल आधा
से ज्यादा बीत चुका है लेकिन अभी तक मनरेगा संविदा कर्मियो की मॉगो पर कोइ विचार
नही किया गया। क्रमोवेश यही स्थिती म0प्र0, बिहार, झारखणड, राजस्थान इत्यादि राज्यो मे भी हई है। राजनैतिक पार्टीयॉ इस
प्रकार की ओछी और गन्दी हरकतो से केवल अपना उल्लू सीधा करने के चककर में संविदा
कर्मियो की भावनाओ के साथ खिलवाड कर रही है। अब तो माननीय उच्च न्यायालय
इलाहाबाद ने भी मनरेगा कर्मियों की मॉग को जायज बताते हुए उन्के विनियमितीकरण
पर शीघ्र विचार करने का आदेश दिया है। अब तो न्यायालय के आदेश से उम्मीद नजर आती है, वर्ना ये राजनैतिक पार्टिया
तो केवल इनका इस्तेमाल राजनैतिक मोहरो के रूप मे ही करती रही हैं ।
Friday, February 19, 2016
हडताल जारी है ......
विश्व समुदाय में सबसे बडी रोजगारपरक
योजना के रूप में प्रसंसनीय योजना के संचालन में 10 वर्ष तक पूरे मनोयोग ओर निष्ठा
से सेवा देने के बाद भी मनरेगाकर्मियों को जिवनयापन का न्यूतम स्तर भी नही
प्राप्त हो सका है। आज देश के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा प्रदेशों में
मनरेगाकर्मियो द्वारा अपने वाजिब हक के लिए धरने और प्रदर्शन किये जा रहे है। योजनाकर्मी
कुटील, धूर्त और केवल राजनैतिक लाभ के लिए ही कोई निर्णय नही अपितु घोसडा करने
वाले कलुषित और घृणित मानसीकता वाले सत्तासीनों द्वारा योजना में कार्य करने वाले
मजदूरों की मजदूरी तो 50 से 161 लगभग साढे तीन गुना कर दी गयी है और पॉच गुना करने
की तैयारी की जा रही है जो चुनाओं तक सम्भव है हो भी जाये। लेकिन योजना संचालन के
लिए नियुक्ति कम्प्यूटर आपरेटर, लेखा सहायक, तकनीकी सहायक, अतिरिक्त कार्यक्रम
अधिकारी , रोजगार सेवको से, किसी भी कर्मचारी को न्यूतम वेतमान देने के
कोर्ट के आदेश को ठेंगे पर रख कर अतिअल्प मानदेय पर इनसे काम लिया जा रहा है। कुछ राज्यों में रोजगार
सेवको और तकनीकी सहायको को तो पूर्व में
किये गये संघर्ष के परिणाम स्वरूप रोजगार सेवको को 10 प्रतिशत वार्षिक मानदेय
व़द्धि और तकनीकी सहायकों को एक या दो बार वेतन व़द्धि मिल भी चुकी है। लेकिन योजना
की रीढ कार्यालयकर्मी कम्प्यूटर आपरेटर, लेखा सहायक , अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी
के मानदेय मे आज तक कोई भी वृद्धि नही की गयी ।
सरकारो की उपेक्षा से मजबूर कार्यालयकर्मियो
द्वारा इस बार धरने में समर्थन करने से मनरेगा की प्रगति रूक सी गयी है। वित्तीय
वर्ष समाप्ति की ओर है, इस समय कार्यालयों में कार्य का दबाव बहुत ज्यादा होता
है। और इनके द्वारा कम्प्यूटर बन्द कर हडताल में शामिल होने से आला अफसरो के
हाथ पॅाव फूल रहे है ,न ही मस्टर रोल निकल पा रहे है न ही भुगतान हो पा रहा है,
नित्य समीक्षाओ का दौर जारी है , दायित्व निर्धारित कर अधिकारियो पर कार्यवाही
की जा रही है। ओर उधर मजदूरो द्वारा किये गये कार्य की मजदूरी न मिलने से वे मजदूरी
के लिए परेशान है। मनरेगा के सारे विकास कार्य ठप्प की स्थिती मे हो गये है। यही
सही समय है यदि हडताल जारी रहती है तो कुछ न कुछ नतीजे जरूर निकलेंगे । और स्वार्थी
सत्ताधारियो को कुछ निर्णय लेने पर मजबूर होना पडेगा ।
कौन कहता है आसमान मे सुराख हो नही सकता।
अरे तबीयत से कोई पत्थर तो उछालो यारों ।।
Sunday, January 24, 2016
चलो फिर से इन्कलाब कर दें।
एक और इन्कलाब
चिर निद्रा से जाग पडे अब, सुबह का सूरज लाल कर दें
।
चलो फिर से इन्कलाब कर दें।।
चिन्गारियॉ हर जगह छुपी हैं , राख के इस ढेर में।
चलो उठ के एक साथ भभकें आग का सैलाब कर दें।।
चलो फिर से इन्कलाब कर दें।
एक ओर हल्ला बेाले , एक तरफ इख्लाक कर दें।।
चलो फिर से इन्कलाब कर दें।
घर में घुसे रहे तो, घर तलक जल जायेगा।
देहरी लांघें , सडकें माॅपें , चौराहो तक फैलाब कर दें।।
चलो फिर से इन्कलाब कर दें।
चिर निद्रा से जाग पडे अब, सुबह का सूरज लाल कर दें
।
ग्रा0 रो0 से0 भाइयो के धरने को समर्पित ।
ग्रा0 रो0 से0 भाइयो के धरने को समर्पित ।
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