Monday, April 25, 2016

‘‘पंचायती राज विभाग की भर्तियॉ स्थगित’’ रोजगार सेवको के लिए राहत की खबर।

लखनऊ.25-04-16
         उत्‍तर प्रदेश सरकार ने पंचायती राज विभाग में हो रही भर्तियों रोजगार सेवक 36,000, पंचायत सहायक 8,135 और न्याय पंचायत स्तर पर 8,135 चौकीदार क्षेत्र पंचायतों में : जेई सिविल 1,642, एकाउटेंट 821 और 82 कम्प्यूटर ऑपरेट में धांधली की शिकायत के बाद रोजगार सेवकों के 36 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी है। प्रमुख सचिव पंचायती राज के अनुसार 19,554 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी थी पर भी तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इस बाबत अगला फैसला मुख्‍य सचिव आलोक रंजन की अध्‍यक्षता वाली हाई पावर कमेटी तीन मई को लेगी।
केन्‍द्र सरकार 14 वित्‍त आयोग की सिफारिशों के तहत पंचायतो को भारी रकम का आबंटन कर रही है। इसके तहत पहली बार क्षेत्र पंचातय व न्‍याय पंचायत स्‍तर पर कई पदों का प्रावधान किया गया है। पदों के स़जन से लेकर भर्ती की कार्यवाही तक पूरी जिम्‍मदारी पंचायती राज विभाग को निभानी है। सरकार के स्‍पष्‍ट आदेश के बाद भी न तो इस भर्ती प्रक्रिया के समबन्‍ध में कोई शासनादेश किसी आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर उपलब्‍ध है, न ही इन भर्तियो के लिए चयनित सेवा प्रदाता एजेन्सियों के चयन के सम्‍बन्‍ध में ही कोई सूचना किसी सरकारी वेबसाइट पर उपलब्‍ध है , और नही इन एजेन्सियो द्वारा की इन पदो पर चयन की कोई विज्ञप्ति निकाली गयी है। इन पदों पर भर्ती के लिए आठ सेवादाता एजेंसियों का चयन गुपचुप तरीके से किया गया था। इसकी शिकायतें आ रही थीं कि कई सेवा प्रदाता एजेंसियों ने नौकरी देने से पहले ही आवेदकों से छह से सात महीने के मानदेय की रकम एडवांस मांग ली है। इन भर्तियों के लिए सेवा प्रदाता एजेंसियों के चयन में भी गड़बड़ी करने की शिकायतें थीं।
ज्ञात हो कि कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में रोजगार सेवको के नियमितिकरण के लिए एक कमेटी बनी थी, जिसने इन भर्तियों पर कई सवाल उठाए थे। ग्राम्य विकास विभाग ने मुख्य सचिव आलोक रंजन से गुहार लगाई थी कि उनके यहां तैनात रोजगार सेवकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है और ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार 36 हजार और रोजगार सेवकों की भर्ती करने जा रही है। पहले काम कर रहे रोजगार सेवकों का समायोजन इन नई भर्तियों में होना चाहिए। हर ग्राम पंचायत में एक रोजगार सेवक तैनात होता है।  उल्‍लेखनीय है कि वर्ष 2006 में  रोजगार सेवको की नियुक्ति  पंचातय मित्र पदनाम पर की गयी थी उस समय सूबे में श्री मुलायम सिंह की स‍रकार थी. परन्‍तु बसपा सरकार ने पदनाम बदलते हुए ग्राम रोजगार सेवक किया और पंचायतीराज विभाग से हटाकर ग्राम्‍य विकास विभाग को सौप दिया था ।
       इस खबर से यह तो स्‍पष्‍ट है कि देर से ही सही लेकिन ग्राम रोजगार सेवकेा के आंदोलन की ऑच सरकार के नितिगत फैसलो पर पडने लगी है . यह रोजगार सेवको के लिए राहत की खबर है। 

Wednesday, April 6, 2016

राजनिति की बिसात के मोहरे बने संविदाकर्मी ।

       अभी पिछले दिनो उ0प्र0 की राजधानी लखनउ मे हुए संविदा कर्मियो के कार्यक्रम में भाजपा के शीर्स नेताओ में से एक , भारत सरकार के ग़ह मंत्री श्री राजनाथ सि‍ह जी ने भाग लि‍या और संवि‍दाकर्मीयों के मॉगो को जायज बताया । ऐसा पहली बार नही हुआ है जो श्री सिह ने किया इस तरह के वादे संवि‍दा कर्मीयों से चुनाओ से पहले सभी राजनि‍ति‍क पाटिर्यो द्वारा किये जाते हैं और राजनितिक लाभ लेने के बाद चुनाओ के बाद भुला दिया जाते है। आज देश के कई राज्‍यो मे भाजपा की सरकार है यदि‍ श्री राजनाथ अथवा भाजपा संवि‍दा कर्मि‍यो की इतनी ही हि‍तचि‍न्‍तक है तो पहले वहॉ कुछ क्‍यो नही करती है। यू0 पी0 में ही पिछले विधान सभा चुनाव से पहले सपा ने राजनैतिक मंच से मनरेगा कमिर्यो की मॉगो को पूरा करने का वादा किया था , सपा सरकार का कार्यकाल आधा से ज्‍यादा बीत चुका है लेकिन अभी तक मनरेगा संविदा कर्मि‍यो की मॉगो पर कोइ विचार नही किया गया। क्रमोवेश यही स्‍थिती म0प्र0, बिहारझारखणड, राजस्‍थान इत्‍यादि राज्‍यो मे भी हई है।  राजनैति‍क पार्टीयॉ इस प्रकार की ओछी और गन्‍दी हरकतो से केवल अपना उल्‍लू सीधा करने के चककर में संवि‍दा कर्मि‍यो की भावनाओ के साथ खि‍लवाड कर रही है। अब तो माननीय उच्‍च न्‍यायालय इलाहाबाद ने भी मनरेगा कर्मि‍यों की मॉग को जायज बताते हुए उन्‍के वि‍नि‍यमि‍तीकरण पर शीघ्र वि‍चार करने का आदेश दि‍या है। अब तो न्‍यायालय के आदेश से  उम्‍मीद  नजर आती है, वर्ना ये राजनैति‍क पार्टि‍या तो केवल इनका इस्‍तेमाल राजनैति‍क मोहरो के रूप मे ही करती रही हैं ।