लखनऊ.25-04-16
उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायती राज विभाग में हो रही भर्तियों रोजगार सेवक 36,000, पंचायत सहायक 8,135 और न्याय पंचायत स्तर पर 8,135 चौकीदार क्षेत्र पंचायतों में : जेई सिविल 1,642, एकाउटेंट 821 और 82 कम्प्यूटर ऑपरेट में धांधली की शिकायत के बाद रोजगार सेवकों के 36 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी है। प्रमुख सचिव पंचायती राज के अनुसार 19,554 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी थी पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इस बाबत अगला फैसला मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी तीन मई को लेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायती राज विभाग में हो रही भर्तियों रोजगार सेवक 36,000, पंचायत सहायक 8,135 और न्याय पंचायत स्तर पर 8,135 चौकीदार क्षेत्र पंचायतों में : जेई सिविल 1,642, एकाउटेंट 821 और 82 कम्प्यूटर ऑपरेट में धांधली की शिकायत के बाद रोजगार सेवकों के 36 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी है। प्रमुख सचिव पंचायती राज के अनुसार 19,554 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी थी पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इस बाबत अगला फैसला मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी तीन मई को लेगी।
केन्द्र सरकार 14 वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत पंचायतो
को भारी रकम का आबंटन कर रही है। इसके तहत पहली बार क्षेत्र पंचातय व न्याय
पंचायत स्तर पर कई पदों का प्रावधान किया गया है। पदों के स़जन से लेकर भर्ती की
कार्यवाही तक पूरी जिम्मदारी पंचायती राज विभाग को निभानी है। सरकार के स्पष्ट
आदेश के बाद भी न तो इस भर्ती प्रक्रिया के समबन्ध में कोई शासनादेश किसी आधिकारिक
सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है, न ही इन भर्तियो के
लिए चयनित सेवा प्रदाता एजेन्सियों के चयन के सम्बन्ध में ही कोई सूचना किसी सरकारी
वेबसाइट पर उपलब्ध है , और नही इन एजेन्सियो
द्वारा की इन पदो पर चयन की कोई विज्ञप्ति निकाली गयी है। इन पदों पर भर्ती के लिए आठ सेवादाता एजेंसियों का चयन गुपचुप
तरीके से किया गया था। इसकी शिकायतें आ रही थीं कि कई सेवा प्रदाता एजेंसियों ने
नौकरी देने से पहले ही आवेदकों से छह से सात महीने के मानदेय की रकम एडवांस मांग
ली है। इन भर्तियों के लिए सेवा प्रदाता एजेंसियों के चयन में भी गड़बड़ी करने की
शिकायतें थीं।
ज्ञात हो कि कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में रोजगार
सेवको के नियमितिकरण के लिए एक कमेटी बनी थी, जिसने इन भर्तियों पर
कई सवाल उठाए थे। ग्राम्य विकास विभाग ने मुख्य सचिव
आलोक रंजन से गुहार लगाई थी कि उनके यहां तैनात रोजगार सेवकों को वेतन नहीं मिल पा
रहा है और ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार 36 हजार
और रोजगार सेवकों की भर्ती करने जा रही है। पहले काम कर रहे रोजगार सेवकों का
समायोजन इन नई भर्तियों में होना चाहिए। हर ग्राम पंचायत में एक रोजगार सेवक तैनात
होता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में रोजगार सेवको की नियुक्ति पंचातय मित्र पदनाम पर की गयी थी उस समय सूबे
में श्री मुलायम सिंह की सरकार थी. परन्तु बसपा सरकार ने पदनाम बदलते हुए ग्राम
रोजगार सेवक किया और पंचायतीराज विभाग से हटाकर ग्राम्य विकास विभाग को सौप दिया
था ।
इस खबर से यह तो स्पष्ट है कि देर से ही सही लेकिन ग्राम रोजगार
सेवकेा के आंदोलन की ऑच सरकार के नितिगत फैसलो पर पडने लगी है . यह रोजगार सेवको
के लिए राहत की खबर है।
आप के कथन से सहमत हूँ
ReplyDeleteआप के कथन से सहमत हूँ
ReplyDeleteI am agree with u Sir
ReplyDeleteAgree
ReplyDeleteAgree
ReplyDeletePardarsita hona chahiye
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