Tuesday, September 10, 2013

केन्‍द्र सरकार ने माना कि उ0प्र0 में मनरेगा कर्मियो के साथ सौतेला व्‍यवहार किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली ' उत्‍तर प्रदेश में मनरेगा में धांधली के बीच योजन को संचालित करने वाले कर्मचारियो को पिछले डेढ साल से तनख्‍वाह नही मिली है । राज्‍य के देसरे विभागो के ठेका कर्मचारियों को जहॉ न्‍यूनतम वेतन व भत्‍ता लाभ देने का आदेश दिया गया है वही मनरेगा के इन कर्मचारियों को उनका निर्धारित वेतन भी नही मिल पा रहा है।राज्‍य सरकार के इस सौतेले व्‍यवहार से कर्मचारी खासे नाराज हैं। मनरेगा के प्रशासनिक बजट से वाहनों में डीजल, पेटोल और एसी का खर्च पूरा किया जा रहा है। 
          केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास राज्‍य मंत्री प्रदीप जैन ने उन्‍हें वेतन दिलाने के लिए आश्‍वस्‍त किया है। राज्‍य सरकार ने प्रदेश के अन्‍य विभागों मे नियुक्‍त ठेका कर्मचारियों को जहॅा सभी तरह के वेतन व भत्‍ता लाभ देने का फैसला किया है। वहीं मनरेगा कर्मचारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है । उन्‍हे तो पिछले कई महीने से वेतन तक नही मिल रहा है। उनका नेत़त्‍व कर रहे प्रदेश काग्रेस के नेता संजय दिक्षित ने कहा कि मनरेगा बजट का 6 फीसदी हिस्‍सा प्रसाशनिक मद में जाता है। इसी खाते से इन कर्मचारियो के वेतन का  भुगतान किया जाता है लेकिन राज्‍य सरकार की नाकामी से मनरेगा का खर्च घटकर 50 फीसदी रह गया है। बसपा  सरकार के शासनकाल में राज्‍य में मनरेगा के तहत पॉच हजार करोड रूपये खर्च होता था। अब वह घटकर 2600 करोड रूपये रह गया है।

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