Sunday, December 7, 2014

पारदर्शी एवं सबसे सफल योजना है मनरेगा

                  जन साधारण में मनरेगा योजना का जिक्र  बहुत ही भ्रष्‍ट योजना के रूप में होता है, क्‍योकि आज जिस तरह से मनरेगा से जुडे घेटाले सार्वजनिक हो रहे है ऐसे में ऐसा होना स्‍वाभविक ही है !  आम लोगों की ये प्रतिक्रिया आये दिन मनरेगा घोटालो की मीडिया  सुर्खीयो की वजह से है। उनके जेहन में इसकी बहुत ही गंदी तस्‍वीर बनी हुई है। सरकार द्रारा विकासपरक बहुत सी येाजनाये चलायी जाती हैं। जिनका उपयोग  विकास कार्यो के लिए किया जाता है। भारतीय पंचायती राज व्‍यवस्‍था में इसकी जिम्‍मेदारी सम्‍मन्धित विभागो के साथ साथ पंचायतों यथा जिला पंचायत ,ब्‍लाक पंचायत एवं ग्राम पंचायतों को भी दी गयी है। इसके लिए धन की व्‍यवस्‍था क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिती के अनुसार कई योजनाओ जैसे राज्‍य वित्‍त तेरहवॉ वित्‍त ,पिछडा क्षेत्र अनुदान , एन आर एल एम मनरेगा इतयादि द्वारा की जाती है। मनरेगा को छोड दिया जाय तो किसी अन्‍य योजनाओ के बारे में जानने वालों का प्रतिशत बहुत ही कम मिलेगा। यही कारण है कि इन योजनाओ एव विभागो में हो रहे भ्रष्‍टाचार की चर्चा नही होती है ।
     2007 से 2009 के बीच के समय केा छोडकर किसी भी अन्‍य येाजना के अपेक्षा मनरेगा योजना सबसे पारदर्शी एवं कामयाब योजना कही जा सकती है। हमने देखा कि समूह गठन के लिए चला चलायी गयी एस0जी0स0वाई योजना काक्‍या हस्र हुआ योजना पूरी तरह विफल रही, नाम बदल कर एन0आर0एल0एम के रूप में पुन चलाई गयी और उसकेलिए बहुत बडा बजट आबंटित किया गया जो पुन: विफल होती नजर आ रही है। ऐसे ही राज्‍य वित्‍त एवं तेरहवे वित्‍त की धनराशि का उपयोग अधिकारीयों एवं जन प्रतिनिधियो  द्रारा  अपने व्‍यक्तिगत खाते के तरह क र कागजी खानापूर्ति कर ली जाती है। एवं इस धन के द्वारा कर  गये कार्य  धरातल पर खोजे नही मिलते है।  जहॉ एक ओर मनरेगा  योजना की एक एक जानकारी पारदर्शी तरीके से आनलाइन की जाती है , जिसमें पाई- पाई का हिसाब किसी के द्रारा देखा जा सकता है। वहीं अन्‍य योजनाओ की फीडिग इस प्रकार करायी जाती है कोई विषेशज्ञ  भी इस बात की जानकारी नही ले सकता कि कौन कौन से कार्य कराये गये , कहा किस काम पर कितनी धनराशि व्‍यय की गयी । शायद ये पहली ऐसी येाजना है जिसके बन्‍द होने अधिकारी इंतजार कर रहें है।
         मनरेगा का वार्षिक लेबर बजट जॉब कार्ड के अनुसार तैयार किया जाता है जिसमें 70 प्रतिशत को ग्राम पंचायत 10 को ब्‍लाक पंचातय एवं 20 प्रतिशत जॉब कार्ड धारियों के जिला पंचायत एवं अन्‍य  कार्यदायी  संस्‍थाओ जैसे पी0 डब्‍लू0 डी0 सिचाई विभाग ,वन विभाग आदि को रोजगार स़जन की जिम्‍मेदारी निर्धारित की जाती है। अकेले ग्राम पंचायतो द्वारा 70 प्रतिशत धन का 80 प्रतिशत तो ईमानदारी पूर्वक व्‍यय किया ही जाता है। जिससे कोई इन्‍कार नही कर सकता ।जिला पंचायत ब्‍लाक पंचायत एवं अन्‍य कार्यदायी संस्‍थाओं द्वारा बंदर बॉट के बाद भी 10 प्रतिशत धनराशि व्‍यय की जाती है
इस तरह यदि सही ढंग से खर्च धन का अनुपात देखा जाय एवं कार्य की पारदर्शिता देखी जाये तो मनेरगा सरकार द्रारा चलायी जा रही किसी भी अन्‍य येाजना के अपेक्षा अच्‍दी सफल एवं पारदर्शी  योजना है।
यदि व्‍यक्तिगत राय है इसके द्वारा किसी पर आरोप लगाने की कोई मंशा नही है।  

Saturday, December 6, 2014

मनरेगा से पीछा छुडाना चाहते है भ्रष्‍ट अ‍धिकारी

             लोगों केा रोजगार उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍ा से  चलाई गयी विश्‍व की सबसे बडी रोजगार परक  मनरेगा योजना केा आरम्‍भ से ही भ्रष्‍ट नौकरशाहो एवं नेताओ की नजर लग गई । और योजना भ्रष्‍टाचार के मकडजाल मे फस गयी। जिन्‍होने योजनारम्‍भ्‍ा से ही इसमें जमकर लूट पाट की और अपनी तिजोरियॉ भरने में लगे रहे । इनके लिए 2007 से 2010 तक योजना का स्‍वर्णीम काल रहा, इसके लिए उन्‍होने प्रारम्‍भ से ही सुनियोजित तरीके योजना के सही पहलू को जनता से दूर रखा और इसे कुछ लोगों के लिए धन लाभ का साधन बना डाला ।  योजना को शुरूवात से ही सर के बल चलाया गया । इसे उसके मूल ला‍भार्थियों अर्थात मजदूरो तक सही ढंग से पहुचने ही नही दिया  । जिससे कि वे इस योजना को सही ढंग से समझ सके जैसा कि हमारे देश में अन्‍य योजनाओ का होता आया है। 
              योजना का मूल उद्येश्‍य था कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम के इच्‍छुक परिवारों केा रोजगार उपलब्‍ध कराना , जिसके लिए उनकेा जॉब कार्ड ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्‍ध कराया जाना तथा काम की मॉग करने पर कार्य आबटित करना मुख्‍य था। किन्‍तु हुआ बिल्‍कुल उल्‍टा ग्राम पंचायतों में जॉब कार्ड तो बनाये गये किन्‍तु वे  प्रधानो अथवा अन्‍य कर्मचारियों पास ही पडे है। जिनका उपयोग मजदूर नहीं बल्कि अन्‍य लोगों द्वारा अपने हित के लिए किया जाता है, यही कारण है कि पूरे देश में कुल बने जॉब कार्डो में से कुल 23 प्रतिशत मजदूरो की ही कार्य की मॉग दर्ज है बाकी अन्‍य  कार्ड जाली प्रतीत होते है । 
              मजदूरो को तो यह भी नही मालूम है कि कार्य की मॉग भी की जाती है , बल्कि स्‍वहित साध्‍ाकाे द्वारा उनका मॉग पत्र तैयार कर खानापूर्ति कर दी जाती है , और जॉब कार्ड धारी को कुछ धनरशि देकर इस गोलमान में सहभागी बना लिया जाता है। और मेहनतकश मजदूर को भी भ्रष्‍ट कामचोर बनाने तथा चाेरी सिखाने का काम किया जाता है। यदि किसी मजदूर द्वारा कार्य की मॉग की भी जाती है तो उसे नियम कानून की पटटी पढाई जाती है और उसके इस कार्य को गुस्‍ताखी समझा जाता है ।  
              योजना में ठेकेदारी प्रथा पर पूरी तरह से रोक की बात कही गयी थी , लेकिन यह नियम केवल कागजो तक ही रह गया , किसी भी ब्‍लाक पंचायत अथवा जिला पंचायत बिना इसके एक भी कार्य नही कराया गया , यही नही बल्कि एक ही कार्य का कई कई ऐजेन्सियों द्वारा भुगतान तक कराया गया ।
              अब जब नौकरसाहों का यह कुक़त्‍य सार्वजनिक हो रहा है , उनके उत्‍तरदायित्‍व निर्धारित किये जा रहे है , तथा देश भर की जॉच ऐजेन्‍सीयॉ उनके कुक़त्‍यों से पर्दा उठा रही है तेा अब वे इस योजना से पीछा छुडाना चाह रहें है़, साथ ही इस इन्‍तजार में है कि कब ये योजना बन्‍द हो और उनकी जान छूटे।
              साथियों यह सब होता रहा और हम यह सब होता देखते रहे या कहें उससे सहमत रहे । यह हमारी अकर्मणयता ही है जिससे कि हम आज अपने  अस्‍तित्‍व के लिए जूझते नजर आ रहें है, काश कि हमने इस याेजना में चल रहे भ्रष्‍टाचार के विरूद्ध आवाज उठाने की हिम्‍मत की  होती तो इस योजना पर केवल और केवल हमारा अधिकार होता हमें मानदेय के चेक के लिए किसी की परिक्रमा नही करनी पडती । 
              साथियों अब समय आ गया है ये योजना हमारी है इसे हमें चलाना है , विनियमितीकरण तो हाेना ही है , जब हम इस योजना में अपनी पूर्ण सार्थकता सिद्ध कर देगें  तो मजाल है किसी की, विनियमितीकरण को रोक ले।
खुदी को कर बुलन्‍द इतना कि हर तदबीर से पहले। खुदा बन्‍दे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्‍या है।।

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री ने दिया मनरेगा कर्मियों को नियमितीकरण का आश्‍वासन


              19 नवम्‍बर 2014  से लक्ष्‍मण मेंला मैदान लखनउ में मनरेगा कर्मियो का धरना 7 दिन के बाद दिनांक 25  नवम्‍बर  2014 को मुख्‍यमंत्री श्री अखिलेश यादव से वार्ता के बाद समाप्‍त हो गया । 
               वार्ता 1 बजे 5 कालीदास स्थित मुख्‍यमंत्री आवास पर हुई। जिसमें मुख्‍यमंत्री ने मनरेगा कर्मियाें की मॉग पर सैद्धान्तिक सहमति देते हुए अपने विशेष सचिव श्री रिग्जियान सैम्फिल (श्री सैम्फिल यू0पी0 के चन्‍दौली जनपद में जिलाधिकारी रह चुकें है तथा अपनी इमानदार कार्यशैली के कारण आज भी याद किये जाते हैं।) को निर्देश दिया कि ग्राम रोजगार सेवको को नियमित करने में कितने बजट की आवश्‍यकता है , तथा कहॉ अवरोधक है, इस सम्‍बन्‍ध में 03 दिसम्‍बर 2014 तक वित्‍त विभाग, ग्राम्‍य विकास विभाग, ग्राम्‍य पंचायत विभाग से हर हाल में रिर्पोट प्राप्‍त कर उनके समक्ष प्रस्‍तुत किया जाय।


Friday, December 5, 2014

First MyGov Samvaad successfully held on 29th November 2014


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"MyGov Samvaad", a first of its kind event was organized on 29th November 2014 with the Hon'ble Minister for Communications & IT Shri Ravi Shankar Prasad presiding over the interaction with selected contributors to the Digital India Group on MyGov. The Minister also felicitated 20 chosen contributors for their best ideas, suggestions, task responses. Read more
Suggestions invited
for improving
performance of
Public Sector Banks
The following URL
(http://cdn.mygov.nic.in /bundles/ frontendgeneral/ images/ psb-open-forum-of-final-banking.pdf) provides information regarding the performance of Public Sector Banks vis-à-vis Old and New Private Sector Banks. Suggestions are invited from citizens for the improvement of performance of Public Sector Banks. Post your ideas here
Design a logo for National Awareness Campaign on Energy Conservation
Ministry of Power and Bureau of Energy Efficiency (BEE) seeks entries for an innovative designing of a logo for National Awareness Campaign on Energy Conservation. The objective of this national campaign is to create awareness among the citizens of India towards inculcating good practices and habits towards energy conservation. Participate in the contest here
Youth for Nation
Building
The Government has
introduced National Youth Policy, 2014 with the vision "To empower youth of the country to achieve their full potential, and through them enable India to find its rightful place in the community of nations". The Group invites ideas and opinions with the objective of channelizing the immense youth energy in the nation-building process. Join the group here
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Wednesday, December 3, 2014

Fulfilling the dreams of Northeast India

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